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[Download] "Awargi - Ek Unmukt Vichardhara" by Ravi Agrawal ~ eBook PDF Kindle ePub Free

Awargi - Ek Unmukt Vichardhara

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eBook details

  • Title: Awargi - Ek Unmukt Vichardhara
  • Author : Ravi Agrawal
  • Release Date : January 06, 2019
  • Genre: Poetry,Books,Young Adult,
  • Pages : * pages
  • Size : 1002 KB

Description

छोटे से शब्द आवारगी के मायने बहुत विस्तृत होते हैं। वो आपके विचारों में हो सकती हैं या फिर वो आपके व्यवहार में हो सकती हैं। ये वाली क़िताब आपको विचारों वाली आवारगी से परिचित कराएगी। जहाँ लेखक ने बिना किसी पूर्व लिखित सोच, विचार या पूर्वाग्रह को ध्यान में रखे बिना सत्य को जैसा महसूस किया, देखा और समझा वैसा लिखा है। सहारनपुर और बरेली से ताल्लुक रखने वाले वरिष्ठ हिंदी साहित्यकार रवि अग्रवाल ने इस किताब को लिखते वक़्त इस बात का ख़ास ख़याल रखा है कि उनकी रचनाएँ सभी पाठक वर्गों को पसंद आएं। इस पुस्तक में तीन खण्ड हैं जिनमें एक आवारगी वाली कविताओं का है, दूसरा प्रेम वाली कविताओं का है और तीसरा चिंतन के रूप में उनकी विभिन्न विषयों पर सोच का है।  

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वरिष्ठ हिंदी साहित्यकार रवि अग्रवाल मूलतः बरेली के निवासी हैं और वर्तमान में सहारनपुर में निवास करते हैं। रवि जी कामर्स से परास्नातक हैं। बचपन में नन्दन, चंपक और चंदामामा और विषयगत हिन्दी साहित्य पढ़कर इन्होंने भारतीय संस्कृति को समझने की बहुत कोशिश की। इन्हें मूलतः भारतीय सांस्कृत्य विधा, दर्शन, जीवन चरित्र और यहाँ के जीवन भाव सदा आकर्षित करते रहे हैं। ट्विटर पर हिन्दी ट्वीट लीग (HTL) और स्वरा काव्य समूह से जुड़े हुए हैं। रवि जी को विचारों के रूप में अपनी डायरी लिखने का शौक बचपन से ही रहा है। परन्तु काव्य के क्षेत्र में विधिवत पदार्पण ट्वीटर से जुड़ने के पश्चात मई 2017 से ही हुआ। बचपन से लेकर आज तक हर पग पर संघर्षों से लगातार सामना रहा अतः जैसा जिन्दगी को देखा, समझा और महसूस किया और चाहा वो लिखते चले गए।


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